राष्ट्रीय संविधान दिवस पर पीजी राजनीति विज्ञान विभाग और एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में विश्वविद्यालय में परिचर्चा का हुआ आयोजन, कुलपति ने शिक्षकों और छात्रों को दिलाया संविधान की प्रस्तावना का सामूहिक शपथ
कुलपति ने सभी पीजी विभागों को भी एक राष्ट्र एक चुनाव पर कार्यक्रम आयोजित करने का दिए निर्देश
भागलपुर। राष्ट्रीय संविधान दिवस के उपलक्ष्य में मंगलवार को तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के सीनेट हॉल में पीजी राजनीति विज्ञान विभाग और एनएसएस के संयुक्त तत्वावधान में एक राष्ट्र – एक चुनाव विषय पर परिचर्चा का आयोजन कुलपति प्रो. जवाहर लाल की अध्यक्षता में किया गया।
कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मौके पर कुलपति सहित सभी अतिथियों ने संविधान निर्माता बाबा साहब डॉ भीमराव अंबेडकर और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत कुलगीत से हुई जबकि समापन राष्ट्र गान से किया गया।
कुलपति प्रो. जवाहर लाल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान सर्वोच्च है। यह दुनिया का सबसे बड़ा और विशाल संविधान है। संविधान हमें शक्ति प्रदान करती है। भारतीय संविधान नागरिकों के सम्मान और सुरक्षा की गारंटी प्रदान करता है। एक राष्ट्र एक चुनाव समय की मांग है। देश में यह व्यवस्था निश्चित रूप से लागू होनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने पहले एक राष्ट्र एक टैक्सेशन को लागू किया। अब एक राष्ट्र एक चुनाव की बातें हो रही है, यह एक सकारात्मक पहल है। इस व्यवस्था के लागू होने से मितव्ययता पर रोक लगेगी, समय की बरबादी भी नहीं होगी। साथ ही लंबे समय तक चलने वाले चुनावी प्रक्रिया के दौरान कोई कार्य भी अवरुद्ध नहीं होगा। एक भारत श्रेष्ठ भारत, विकसित भारत, अमृत भारत जैसी संकल्पनाएं साकार रूप ले रही है। पीएम ने संविधान गौरव यात्रा के माध्यम से भारतीय संविधान के सिद्धांतों और आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाया तथा संविधान के मूल्यों को सभी कल्याणकारी योजनाओं के मूल में समाहित किया और 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया।
पीएम ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर एक देश एक संविधान के संकल्प को पूरा किया। वीसी ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत की संकल्पनाओं को साकार करने के लिए भारतीय संविधान के मूल्यों एवं भावी योजनाओं को केंद्र में रखने की जरूरत है। संविधान दिवस के अवसर पर हम सभी भारतीय संविधान की प्रस्तावना का शपथ लेकर एक कर्तवनिष्ठ भारतीय नागरिक के रूप में विकसित भारत की संकल्पना को साकार करने का भी शपथ लें। उन्होंने संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों और मौलिक कर्तव्यों का भी विस्तार से चर्चा किया। उन्होंने कहा कि स्वतत्रंता, समानता, बंधुता, सामाजिक न्याय जैसी संकल्पना आज संविधान के माध्यम से ही संभव हो सका है।
कुलपति ने पीपीटी के माध्यम से विस्तार से संविधान दिवस पर अपनी बात रखी।
पीजी पॉलिटिकल साइंस विभाग के हेड डॉ जगदीश प्रसाद ने कुलपति समेत सभी अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र, पौधा और संविधान की पुस्तक भेंट कर किया। पीजी हेड ने स्वागत संबोधन और विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि आज का दिन भारत के राजनीतिक इतिहास में गौरवशाली दिन माना जाएगा।
कार्यक्रम को वित्तीय परामर्शी डॉ दिलीप कुमार, डीएसडब्ल्यू डॉ बिजेंद्र कुमार, बीएन कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ अशोक कुमार ठाकुर, कुलसचिव डॉ रामाशीष पूर्वे, मानविकी के डीन डॉ नेहाल आदि ने भी संबोधित किया।
कुलपति ने सभी पीजी विभागों को भी एक राष्ट्र एक चुनाव विषय पर अपने विभागों में कार्यक्रम आयोजित कर उसकी समग्र रिपोर्ट डीएसडब्ल्यू कार्यालय में भेजने का निर्देश दिया। सभी विभाग और कॉलेज अपने यहां वन नेशन, वन इलेक्शन पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित करें वहां प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार से नवाजें।
मौके पर कुलपति ने उपस्थित सभी अधिकारियों, शिक्षकों और छात्र-छात्राओं को सामूहिक रूप से संविधान की प्रस्तावना का शपथ दिलाया।
कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन पीजी राजनीति विज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सह यूडीटीए के सचिव विवेक कुमार हिन्द ने किया। संचालन डॉ रुचि श्री कर रही थी।
इस अवसर पर प्रॉक्टर डा अर्चना कुमारी साह, पीआरओ डॉ दीपक कुमार दिनकर, एफओ ब्रज भूषण प्रसाद सहित विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी, विभिन्न विभागों के हेड, शिक्षक और छात्र-छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम स्थल पर पीजी राजनीति विज्ञान विभाग की छात्राओं ने रंगोली भी बना रखी थी। कार्यक्रम के सफल आयोजन में पीजी राजनीति विज्ञान विभाग के छात्र छात्राओं और एनएसएस के वोलेंटियर्स का सहयोग रहा।
संवाददाता शुभम कुमार भागलपुर।