नवगछिया: नारायणपुर के धरती के लिए सौभाग्य का दिन माना जा रहा है क्योंकि आज ही के दिन नारायणपुर के शिक्षक मिथिलेश यादव ने अपने जीवन को एक शिक्षक के रूप में शुरूआत करने के लिए चुना था। उनके योगदान करने का मंगलवार को 25 वर्ष पूरा हुआ । शिक्षा विभाग के लिए एक क्रांतिकारी के कार्य का 25 वर्ष पूरा होना समझा जा सकता है।
मिथिलेश यादव का परिचय देना मानो सूर्य को दीया दिखाना है। अपने अन्दर सदा सत्य और उसके लिए लड़ने की जो उनकी मानसिकता और क्षमता रही है। वो समाचार पत्र के पृष्ठों की सुर्खियों में आती रहीं हैं। वो एक ऐसे शख्स हैं जिन्हें जिला शिक्षा पदाधिकारी से लेकर जिला अधिकारी तक के द्वारा अपनी बेबाक और सत्य की बात को रखने के लिए दबाव डाला गया है कि वे अपने आंदोलन और बातों को पीछे कर ले मगर इनके द्वारा सत्य के साथ कोई समझौता नहीं करने की आदत ने इन्हें एक जीवट योद्धा बना दिया है।
मिथिलेश यादव अपने जीवन के 25वर्ष जो उन्होंने शिक्षा विभाग को समर्पित किया है उसमें उन्होंने सदा अन्य शिक्षक साथियों के जीवन को सम्मान और समाज में शिक्षकों को जितनी प्रतिष्ठा मिलनी चाहिए उसके लिए लड़ने में ही व्यतीत किया है।
सेवा और संघर्ष के 25 वर्ष पर आयोजित कार्यक्रम में संगठन के पदधारक एवं शिक्षकगण ज्योति कुमार, मनोज कुमार सिंह, सूर्य प्रकाश जी, विनोद यादव, मो. सज्जाद, मो. एनामूल हक, रंजीत यादव, प्रमोद रजक, मो.आलम, विक्रम प्रताप, चॉदनी , मो. रमत उल्लाह , संजय साह, शंकर पंडित, आफताब आलम, ओणम भारती, रूबी कुमारी, कोमल भारती एवं मूल के पदधारक मो. तनवीर आलम आदि उपस्थित होकर मिथिलेश के कृतित्व और व्यक्तित्व पर विचार वयक्त करते हुए इनके दीर्घायु होने की कामना किये। मंच संचालन गोप गुट के संयुक्त सचिव चंदन कुमार ने किया।