आज भागवत कथा के रविवार के दूसरे दिन ईश्वर झुनझुनवाला लक्ष्मण जी डोकनिया और डॉ प्रीति शेखर ने माल्यार्पण कर आरती करते हुए गुरु जी से आशीर्वाद लिया
गुरु जी के द्वारा ठीक 2:00 बजे से आज कथा प्रारंभ हो गई कथा के दौरान गुरु जी ने बताया कि जीवन जीने की जो कला वह भागवत कथा और गीता के माध्यम से पाया जा सकता है. भगवान श्री कृष्ण ने जो जीता अर्जुन के माध्यम से इस कली काल में जगत संसार के लिए उपलब्ध कराया है वह मनुष्य के जीवन की जीने की कला है साथ ही उसमें मनुष्य के जीवन की सभी प्रकार के भ्रांतियां और समस्याओं का निदान भी है
भक्ति भाव और ज्ञान से गीता ज्ञान से और अपने सत्कर्मों से हमें भगवत प्राप्ति हो सकती है जिस प्रकार से मीराबाई ने नरसिंह मेहता ने आदि संतों ने भगवान को भक्ति धन प्रेम धन के माध्यम से ही भगवान को पाया था इस जगत के धन से भगवान को पाना संभव नहीं है आपके पास भाव सत्क्रम और भक्ति का मार्ग भक्ति का ज्ञान होना चाहिए जो हमें गीता सिखाती है..
मोह पास के बंधन में हंस कर मनुष्य अपने सत्कर्मों से भटक जाता है और मोह माया में आसक्त होकर भगवत कृपा से दूर हो जाता है
हम अपने स्वभाव को और कर्मों को सुधार कर मुक्त हो सकते हैं इस पर प्राप्त कर सकते हैं ईश्वर का शरण ले सकते हैं आज विशेष आकर्षण फूलों की झांकी रही जिसके माध्यम से भगवान श्री कृष्ण के मनोर रूप का दर्शन कराया गया भगवान के भजनों से एवं गुरु जी के शुभ मधुर वाणी से पूरा पंडाल भाव विभोर रहा.
हजारों की संख्या में महिला पुरुष शामिल रहे सभी के बैठने की समुचित व्यवस्था की गई थी पंडाल में किसी प्रकार का बीच में पिलर नहीं होने से सभी को भगवत कृपा का लाभ मिल रहा था.
आज की कथा में मुख्य रूप से विनोद गुड्डेवाल संगीता शाह शोभा देवी मनोज बुधीया राजेश खेतान इंद्र कुमार अग्रवाल शिव झुनझुनवाला सौरभ अग्रवा आशीष केजरीवाल केशव बुढ़िया संदीप जैन नरेश खेतान शामिल रहे।
संवाददाता शुभम कुमार भागलपुर