
आज रात तक काम करने लगेगा केटीपीएस का दूसरा बायलर, बिजली कटौती से मिलेगी राहत
बायलर में लीकेज के कारण नहीं हो रहा 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन
शहर के साथ ग्रामीण इलाकों में हो रही छह से सात घंटे की बिजली आपूर्ति
कोडरमा,(झारखंड):झुमरीतिलैया व चंदवारा प्रखंड के इलाकों में बिजली कटौती से त्राहिमाम मचा हुआ है। छह से सात घंटे की बिजली आपूर्ति से लोगों को न दिन में चैन मिल रहा है और न रात में आराम। वहीं राहत की बात यह है कि कोडरमा थर्मल पावर स्टेशन के एक बायलर का लीकेज ठीक कर लिया गया है। साथ ही ट्रायल किया जा रहा है। केटीपीएस के पदाधिकारियों ने उम्मीद जताई है कि रात तक इस बायलर से उत्पादन शुरू हो जाएगा। इससे क्षेत्र में हो रही बिजली की कटौती से राहत मिल जाएगी।क्षेत्र में 17 घंटे से अधिक बिजली कटौती हो रही है। इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। रात में भी तीन घंटे ही बिजली मिल रही है। इससे लोगों के इन्वर्टर से भी बिजली नहीं मिल पा रही है। गर्मी व उमस के कारण लोग रात को सो नहीं पा रहे हैं। इसका गुस्सा लोग इंटरनेट मीडिया पर निकाल रहे हैं। वे राज्य सरकार व विद्युत विभाग के अधिकारियों को कोस रहे हैं।
केटीपीएस के बायलर में हुआ लीकेज
डीवीसी के प्लांट केटीपीएस के एक बायलर में लीकेज हो गया है। इसके कारण 500 मेगावाट बिजली का उत्पादन ठप है। इससे कोडरमा जिले को 25 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती है। एक बायलर बंद होने से जिले को बिजली की आपूर्ति पूरी तरह ठप है। बायलर के ऊपरी हिस्से में लीकेज होने के कारण मरम्मत में भी समय लग रहा था। हालांकि अब मरम्मत का काम पूरा हो चुका है। साथ ही उत्पादन का ट्रायल किया जा रहा है। केटीपीएस पदाधिकारियों ने बताया कि ट्रायल चल रहा है। उम्मीद है कि गुरुवार रात तक इस बायलर से उत्पादन शुरू हो जाएगा और बिजली आपूर्ति नियमित हो जाएगी।
इंटरनेट मीडिया पर भी निकल रहा गुस्सा
छह-सात घंटे की बिजली आपूर्ति होने से लोगों का गुस्सा इंटरनेट मीडिया पर निकल रहा है। लोग लालटेन युग आने की बात कह रहे हैं। साथ ही पूर्व की भाजपा सरकार और वर्तमान गठबंधन सरकार की तुलना कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों ने बिजली की नियमित आपूर्ति को लेकर बिजली विभाग के कार्यालय पर धरना भी दिया था।
पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित
बिजली की आपूर्ति नहीं होने से पानी की टंकी में पानी नहीं पहुंच पा रहा है। इस कारण झुमरीतिलैया में पेयजल की आपूर्ति भी प्रभावित है। लोग बोतलबंद पानी मंगाकर पीने को मजबूर हैं। जो लोग बोतलबंद पानी नहीं खरीद सकते, वे इधर-उधर चापानल से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।