अन्याय अत्याचार से आदि काल से लड़ते रहे हैं आदिम जनजाति परिवार
आजाद भारत में प्रशासनिक सिस्टम से नहीं लड़ पाए रहे हैं
लातेहार,(झारखंड):लातेहार जिले के मनिका प्रखंड पचायत रांकीकला गाँव लंका उज्जवाबाल टोला में आदिम जनजाति परहिया के लोग लगभग 100 घर में रहते हैं लातेहार जिले मे जाते संख्या रहने वाले गाँव है.आदिम जनजाति पानी की सुविधा नहीं है.खेती के सुविधाएं नहीं है .पीएम आवास भी बहुत ही कम लोगों को मिला . कम्बल तक नहीं मिला है.आदिम जनजाति जंगलों पहाड़ों में रखकर आदिकाल से राष्ट्रीय रक्षा में दुश्मनों के साथ लोहा लिए हैं . राम जी की सेना के साथ रावण से लड़ाई की.कृष्ण के साथ रहकर के लड़े बप्पा रावल बन देश की रक्षा किए जो इतिहास साक्षी है .भील. गोड ने देश की आन बान और शान के लिए सदैव लड़ते रहे.झांसी की रानी की सेना में भील जाति का वर्चस्व था .राणा प्रताप के साथ भिल मुख्य सेना थे.झारखंड में बिरसा भगवान nilamber-pitamber तिलकामांझी . सिन्धु कानु.फूलो झानो. चांद भेरव. वीर बुधु भगत. टाना भगत सहित हजारों वीरांगना लड़ते रहे.परंतु आज प्रशासनिक सिस्टम से नहीं लड़ पा रहे हैं.सरकार के द्वारा भेजा गया राशि इनके तक नहीं पहुंच पा रहे हैं.इनको देखने वाले कोई अधिकारी नहीं है ..कागज में सब हो रहा है.मेसो है वन क्लास के ऑप्शन इनको देखरेख करेंगे. जनजाति परिवार के इनके पास कोई जाते नहीं है.कोई पूछते नहीं है.