गांधी शांति प्रतिष्ठान केंद्र भागलपुर के द्वारा अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर संवाद संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संवाद का विषय वर्तमान संदर्भ में हमारे अधिकार और हमारा भविष्य रखा गया था। संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रकाश चंद्र गुप्ता, अध्यक्ष, संचालन डॉक्टर सुनील अग्रवाल और धन्यवाद ज्ञापन वासुदेव भाई द्वारा किया गया।
संवाद संगोष्ठी के प्रमुख वक्ता डॉ मनोज कुमार ने कहा कि आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार को भारत के साथ जोड़कर देखने की आवश्यकता है क्योंकि संपूर्ण विश्व एकरूपता में आ गया है। उन्होंने कहा कि आज दो विश्व बन गया है, एक कारपोरेट का और दूसरा नागरिकों का ।ऐसे में केंद्रीयकृत राजनीतिक व्यवस्था की और दुनिया बढ़ रही है
इससे लोकतांत्रिक संस्था का वजूद खत्म हो गया है ।इसलिए व्यक्तिगत बदलाव से अधिक सामूहिक अभिक्रम को जगाने की आवश्यकता है ।उन्होंने कहा कि गांधी जी का भी मानना था कि दुनिया में जो भी कमजोर है उसके अधिकारों को संरक्षण देने का मैं पक्षधर हूं। प्रकाश चंद्र गुप्ता ने कहा कि मानवाधिकार नैसर्गिक अधिकार है ,इसलिए आपसी संबंधों को मजबूत करने की आवश्यकता है ,इसलिए लगातार संवाद की प्रक्रिया चलानी होगी,
इस अवसर पर मोहम्मद ऐनुल होदा ने कहा कि बिना भेदभाव के सब के प्रति समानता का भाव ही मानवाधिकार है। कार्यक्रम में डॉक्टर मनोज मीता, राजकुमार, संजय कुमार, मोहम्मद महबूब आलम ,मोहम्मद शाहबाज, रेनू सिंह ,वीणा सिन्हा आदि ने भी अपने विचार रखें इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में प्रकाश चंद्र गुप्ता ,डॉक्टर मनोज कुमार, वासुदेव भाई ,राजीव कुमार, मदन कुमार मो महबूब आलम, डॉक्टर सुनील अग्रवाल, मोहम्मद तकी अहमद जावेद ,मोहम्मद शाहाबाद ,संजय कुमार, रेनू सिंह राजकुमार, ऐनुल होदा , बीणा सिन्हा ,मोहम्मद मंजर आलम, , अनीता शर्मा आदि उपस्थित थे।
संवाददाता शुभम कुमार भागलपुर