कामता, चटुआग, परहैया टोला स्कूल के नौनिहाल स्वेटर से हैं वंचित
पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने दुसरे दिन भी स्कूलों का किया निरीक्षण
ड्रेस की राशि निकासी के लिए अभिभावक बैंकों का सप्ताह से लगा रहे हैं दौड़
चटुआग स्कूल से दो शिक्षक रहे नदारद
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक टोरी व अन्य बैंकों का ड्रेस की राशि को लेकर मनमानी चरम पर
चंदवा,(लातेहार):पंचायत समिति सदस्य अयुब खान ने दुसरे दिन भी स्कूलों का निरीक्षण किया, शिक्षकों और पहला दुसरा कक्षा के विद्यार्थियों से पोशाक वितरण की जानकारी ली।राजकीय कन्या मध्य विद्यालय कामता के पहला दुसरा कक्षा में अध्ययनरत 12 नौनिहालों को अबतक स्वेटर नहीं मिला है, इस संबंध में प्रधानाध्यापक राम प्रवेश राम ने बताया कि इसकी लिखित जानकारी विभाग को दिया गया है, स्वेटर प्राप्त होते ही छात्रों को स्वेटर उपलब्ध करा दिया जाएगा।राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय चटुआग में पहली दुसरी कक्षा के 4 छात्रों को स्वेटर अबतक नहीं दी गई है, दो शिक्षक स्कूल से अनुपस्थित पाए गए, शिक्षक रुपाली सुमन ने स्वेटर के संबंध में बताया कि पदाधिकारियों को रिपोर्ट की गई है, विभाग से आदेश मिलते ही छात्राओं को स्वेटर उपलब्ध करा दिया जाएगा.अनुपस्थित शिक्षकों के बारे में बताई कि दोनों शिक्षक स्कूल आए थे लेकिन विभागीय कार्य से बीआरसी गए हुए हैं।उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय परहैया टोला चटुआग के छात्र छात्राओं को स्वेटर उपलब्ध नहीं हो पाया है। इस संबंध में शिक्षक इबरार अहमद ने बताया कि स्वेटर गुरुवार को उपलब्ध करा दिया जाएगा।
पंसस अयुब खान ने कहा कि
ठंड अपने चरम पर है, इसके बाद स्वेटर उपलब्ध कराने में देरी हो रही है।
अयुब खान ने आगे कहा कि सरकारी स्कूलों के तीसरी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी और उनके अभिभावक स्कूल ड्रेस की राशि बैंक से निकासी के लिए खासे परेशान हैं।विभाग ने विद्यार्थियों के खाते में डीबीटी के माध्यम से ड्रेस की राशि 600 रुपए ट्रांसफर कर दिया है।इस राशि की निकासी के लिए अभिभावक जब बैंक जाते हैं तो झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक टोरी व अन्य बैंक कई बहाने लगाकर राशि दिए बिना अभिभावकों को वापस लौटा रही है।तीसरा से आठवां कक्षा तक के छात्रों को बिना ड्रेस स्वेटर को स्कूल आने के लिए शिक्षक मना कर रहे हैं, अभिभावकों को बैंक और खाते खुलवाने समेत अन्य कई बहाने बना ड्रेस की राशि दे नहीं रही है, बैंक की मनमानी से ड्रेस की खरीदारी हो नहीं पा रही है ऐसे में तीसरी से आठवीं कक्षा के कई छात्र छात्राएं ड्रेस के बिना घर पर खेलकुद कर रहे हैं।ड्रेस की राशि निकासी के लिए अभिभावक बैंकों का सप्ताह से दौड़ लगा रहे हैं।झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक टोरी व अन्य बैंकों का ड्रेस की राशि को लेकर मनमानी चरम पर है इससे छात्रों का पढाई भी प्रभावित हो रहा है, और वे ठंड में भी ठिठुर रहे हैं।