प्रधानमंत्री फसल बीमा कंपनी की लापरवाही से किसानों को 66. 36 करोड़ फसल बीमा की राशि लंबित : अयुब खान
प्रधानमंत्री फसल बीमा राशि भुगतान करने के निदेशक की निर्देश का बीमा कंपनी नहीं कर रहे हैं पालन
निर्धारित तिथि 10 सितंबर तक फसल बीमा कंपनियों ने किसानों से आवश्यक कागजात नहीं लिया
चंदवा,(झारखंड):बीमा कंपनी की लापरवाही से किसानों का वर्ष 2018 एवं 2019 की 66. 36 करोड़ फसल बीमा की राशि लंबित है, उन्हें भुगतना नहीं हो पा रहा है।यह बातें झारखंड राज्य किसान सभा के लातेहार जिला अध्यक्ष अयुब खान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है।उन्होंने आरोप लगते हुए कहा की कार्यालय निबंधक, सहयोग समितियां (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कोषांग) पशुपालन भवन हेसाग हटिया रांची।वही पत्रांक 2008 (s) रांची दिनांक 04 /09/2023 को निदेशक ने बीमा कंम्पनियों के नाम जारी किए गए पत्र में कहा है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत वर्ष 2018 एवं 2019 में बीमा कंपनियों द्वारा किसानों को देय छतिपूर्ति राशि 832,06 करोड़ रुपये मात्र मे से शेष 66.36 करोड़ रुपए छतिपूर्ति राशि के भुगतान के संबंधित लंम्बित छतिपूर्ति राशि की विवरणी excel Format एवं हार्ड कॉपी मे दिनांक 01. 08. 2023 को उपलब्ध करायी गई।बीमा कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराये गए उपरोक्त विवरणी में वैसे किसान जिनका छतिपूर्ति राशि लंबित है, उनसे किसान घोषणा पत्र,अद्यतन बैंक पासबुक, आधार कार्ड एवं अन्य आवश्यक कागजात की छाया प्रति के साथ प्राप्त कर संकलित करते हुए एक सप्ताह के अंदर इस कार्यालय को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था।पत्र में आगे कहा है कि दिनांक 25. 08. 2023 को अदोहस्ताक्षरी के अध्यक्षता में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग में सभी जिला सहकारिता पदाधिकारी झारखंड को निर्देश दिया गया कि जिस कृषक का छतिपूर्ति राशि लंबित है उनसे किसान घोषणा पत्र, अद्यतन बैंक पासबुक, आधार कार्ड एवं अन्य आवश्यक कागजात की छाया प्रति के साथ प्राप्त कर संकलित करते हुए दिनांक 10. 09. 2023 तक इस कार्यालय को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।ताकि लंबित छतिपूर्ति राशि का भुगतान कृषक को शीघ्र किया जा सके।वही इसकी प्रतिलिपि – संबंधित सभी बीमा कंपनी झारखंड रांची को सुचनार्थ एवं निर्देश दिया गया था कि अपने – अपने जिले संबंधित घोषणा पत्र, अद्यतन बैंक पासबुक, आधार कार्ड एवं अन्य आवश्यक कागजात की छाया प्रति के साथ प्राप्त करने हेतु जिला सहकारिता पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी से समन्वय स्थापित कर वांछित प्रतिवेदन दिनांक 10. 09. 2023 तक उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।पत्र की प्रतिलिपि – निदेशक, कृषि निदेशालय झारखंड सचिव, कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग झारखंड रांची को भी दिया गया है।वही श्री खान ने कहा है कि निदेशक की पत्र को फसल बीमा कम्पनियों ने गंभीरता से नहीं लिया, दस सितंबर तक इस मामले में एक भी किसानों से आवश्यक कागजात नहीं मांगे गए, फसल बीमा कंपनियों ने इस मामले पर घोर लापरवाही की है।अयुब खान ने वर्ष 2018 एवं 2019 की लंम्बित फसल बीमा राशि का भुगतान कराने की मांग निदेशक झारखंड से की है।