
बदलो बिहार महाजुटान कल, सैकड़ों संघर्षरत तबकों ने किया पटना प्रस्थान
बदलाव और विकास की संगठित आवाज को बुलंद करेगा महाजुटान : माले
शुभम कुमार/भागलपुर:न्यायपूर्ण नए बिहार के लिए जनांदोलनों का साझा एलान बदलो बिहार महाजुटान रैली, भाकपा-माले की अगुआई में रविवार 2 मार्च को पटना के गांधी मैदान में हो रही है। सामाजिक समरसता, साम्प्रदायिक सद्भाव, अधिकार, सम्मान व न्याय के लिए संघर्षरत विभिन्न तबकों के सैकड़ों लोगों ने शनिवार को देर रात महाजुटान में शामिल होने के लिए पटना प्रस्थान किया।भाकपा-माले के नगर प्रभारी व ऐक्टू के राज्य सचिव कॉमरेड मुकेश मुक्त ने मौके पर कहा कि करीब दो दशकों से चल रही भाजपा-जदयू शासन के पूरी तरह बेनकाब हो जाने के बाद बिहार बदलाव के कगार पर है। संक्रमण के इस दौर का लाभ उठाकर राज्य में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण और झूठ के सहारे भाजपा अकेले सत्ता हथियाने की फिराक में है। बदलो बिहार महाजुटान के जरिए भाकपा-माले, बिहार में बदलाव के संघर्ष को आगे बढ़ाएगा और मजदूरों-किसानों, छात्र-युवाओं सहित तमाम संघर्षशील तबकों की राजनीतिक दावेदारी को मजबूत बनाएगा। 2 मार्च का महाजुटान, अपने हक, सम्मान और न्याय के लिए वर्षों से जूझ रहे मेहनतकशों के विभिन्न तबकों एवं हाशिए के लोगों का वर्गीय समागम होगा।
कॉमरेड मुक्त ने कहा कि हाशिए के समाज के उत्थान व न्यायपूर्ण जीवन के साथ मेहनतकशों व छात्र-नौजवानों के हक और सम्मान के व्यापक एजेंडा पर आयोजित यह महाजुटान बिहार के बदलाव और विकास के लिए संगठित आवाज को बुलंद करेगा …यह महाजुटान संघर्ष के नए दौर की शुरुआत होगी। संविधान व लोकतंत्र विरोधी शक्तियां बिहार को पीछे की ओर ले जाने के लिए अधिकतम ताकत लगा रही है। इन ताकतों को शिकस्त देना संविधान व लोकतंत्र बचाने और बिहार को बदलाव की दिशा में ले जाने के लिए प्राथमिक व जरुरी कार्यभार है। बिहार की वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक परिस्थिति में भाकपा-माले का यह जरुरी पहल न्यायपूर्ण नए बिहार के लिए साझा जनांदोलनों की नई इबारत लिखेगा।
बदलो बिहार महाजुटान में शिरकत करने के लिए भागलपुर से प्रस्थान करने वालों में मुख्य रूप से ऐक्टू से संबद्ध सभी असंगठित-संगठित मजदूर संगठनों के लोग, आशा, आंगनबाड़ी, रसोइया संगठनों की महिलाएं, जीविका दीदियां, कर्मचारी संगठनों के लोग, दलित-बहुजन संगठनों व सामाजिक न्याय आंदोलन के नेता-कार्यकर्ता, छात्र-युवा, बुनकर, बिजली मजदूर, फुटपाथ दुकानदार, बैंक-बीमा कर्मी, विभिन्न विभागों में कार्यरत ठेका-मानदेय कर्मी, ओपीएस आन्दोलन के कार्यकर्ता, रात्रि प्रहरी, सफाई कर्मी, स्वच्छता पर्यवेक्षक आदि शामिल हैं।