मधुबनी: बिस्फी प्रखंड के ग्राम पंचायत परसौनी उतरी एवम दक्षिणी के ब्रम्ह स्थान में पहली बार नवाह संकीर्तन आयोजित होने से भक्ति मय हुआ वातावरण । ग्राम के कई बुजुर्गों से जानकारी लेने पर पता चला उन्हें याद ही नहीं है । उनके अनुभवों के अनुसार ब्रम्ह स्थान में पहली नवाह होते हुए देख और सुन रहा हूं और जिस वजह से अपनी खुशी व्यक्त नहीं कर सकता हूं। नवाह पंडाल में आए अनेकों वृद्ध महिला पुरुषों का भी यही कहना था ।
नवाह संकीर्तन का आयोजन दिनांक 25 दिसंबर 2024 दिन बुध बार से दिन के तीन बजे से प्रारंभ किया गया जो 3 जनवरी 2025 दिन शुक्रवार तक चलेगा । नवाह संकीर्तन के समापन उपरांत अष्टयाम कार्यक्रम प्रारंभ किया जायेगा जो 4 जनवरी 2025 को समापन उपरांत रात्रि में विवाह कीर्तन का आयोजन किया जाएगा साथ ही 5 जनवरी 2025 को लंगड़ आयोजन के साथ ही विधिवत कार्यक्रम का समापन किया जायेगा ।
नवाह संकीर्तन आयोजन के सूत्रधार नागेश्वर बाबा उर्फ हर हर बाबा है जिन्होंने सीताराम नाम के जाप से समाज में सनातन धर्म की प्रचार प्रसार को लेकर अपने स्थाई आश्रम से निकले हुए है । हर हर बाबा बेहद सुखी संपन्न गृहस्थ जीवन और भरा पूरा परिवार तथा जमींदार परिवार से है । सत्रह साल की उम्र से ही उन्हें सामाजिक कार्य , लाचार बेबस लोगों को मदद करने जैसे कार्यों में रुचि रखते हुए गृहस्थ जीवन जी रहे थे
अचानक से 30 वर्ष की उम्र में उन्होंने मोह माया का त्याग कर साधु बनकर सीताराम के प्रति प्रचार प्रसार के साथ मंदिर निर्माण, विद्यालय निर्माण, गांव गांव में इसी तरह से नवाह संकीर्तन का आयोजन कर सीताराम नाम का जाप गांव समाज के हर व्यक्ति के जुवान में समाने का अविरल और अविस्मरणीय अदभुत कार्य हर हर बाबा के द्वारा किया गया है । हर हर बाबा अपने जीवन में चार यज्ञ, सौ से अधिक नवाह संकीर्तन के अलावा दस से अधिक मंदिरों का निर्माण करा चुके है ।
परसौनी ब्रम्ह स्थान नवाह संकीर्तन के सफल आयोजन में जहां प्रमुख रूप से मुन्नीलाल पासवान, अशोक पासवान, पूर्व सरपंच ओम शांति देवी, लालटुन मेहता, अशोक सहनी, भागीरथ ठाकुर, आलोक मेहता, सोनेलाल पासवान, शंकर सहनी एवम छोटे साफी की अहम भूमिका रही वहीं लगातार टोली टोली में ग्रामीण महिलाओं एवम किशोरी बालिकाओं ने सीताराम मंत्र जाप, ढोल झाल मंजीरा के साथ अपने अनेकों सुरो और तरह तरह की लय में मंत्रोंचरण से भक्ति मय वातावरण निर्माण करने में महती भूमिका निभाई।
उक्त नवाह संकीर्तन कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु समाज के सभी धर्म मजहब और सभी वर्ग के लोगों के द्वारा बढ़ चढ़ कर आर्थिक, मानसिक और शारीरिक रूप से अपनी श्रद्धा शक्ति और भक्ति अनुसार अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में भाग लिया ।