संघ का वर्ग स्वयंसेवकों में जगाता है देशभक्ति का भाव
संघ की ओर से आयोजित सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग का हुआ समापन
समापन समारोह में लातेहार जिला समेत आसपास के पड़ोसी जिलों से आए लोग बड़ी संख्या में हुए शामिल
चंदवा,(लातेहार):राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत शारीरिक प्रमुख कुणाल कुमार ने कहा कि संघ शिक्षा वर्ग में स्वयंसेवक किसी गुरुकुल के विद्यार्थी की भांति व्यक्तित्व विकास और राष्ट्र चिंतन हेतु कष्टप्रद परिस्थितियों में रहता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के इन संघ शिक्षा वर्गों में आए शिक्षार्थी योजना, निर्माण, रचना पर अथक परिश्रम करते हुए सतत कर्मशील रहने का संकल्पित प्रशिक्षण लेते हैं। वे गुरूवार को संघ के प्राथमिक शिक्षा वर्ग के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो मानवता को ही धर्म का पर्याय मानते हैं और उसी आधार पर जीवन जीने का प्रयास करते हैं वे राष्ट्रहित के प्रति सजग हैं। विभाग संघचालक जानकीनंदन राणा ने कहा कि सात दिनों के इस वर्ग के पाठ्यक्रम में मोटे तौर पर प्रतिदिन 250 मिनट के बौद्धिक विकास कार्यक्रम तथा 200 मिनट के शारीरिक विकास के कार्यक्रम रखे जाते हैं। बाकी समय में व्यक्ति को ऐसा परिवेश मिलता है कि व्यक्ति राष्ट्र आराधना में लीन हो जाता है। पलामू विभाग कुटूंब प्रबोधन प्रमुख राजेश चंद्र पाण्डेय ने कहा कि वर्ग से विधिवत प्रशिक्षण लेने के पश्चात ही प्रशिक्षित कार्यकर्ता संघ के कार्यों को अधिक कुशलता से संभाल पाता है। यही कारण है कि इस देश के ही नहीं अपितु विश्व के सर्वाधिक अनूठे, विशाल, अनुशासित, लक्ष्य समर्पित, तथा राष्ट्र प्रेमी संगठन के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पहचान होती है। संघ के विषय में यह तथ्य भी बड़ा ही सटीक, सत्य तथा सुस्थापित है कि संघ का कार्य संसाधनों से अधिक भावना तथा विचार आधारित होता है। यदि आपका संघ के कार्यकर्ताओं से मिलना जुलना होता है तो एक शब्द आपको बहुधा ही सुनने को मिल जाएगा, वह शब्द है संघदृष्टि। यह संघदृष्टि बड़ा ही व्यापक अर्थों वाला शब्द है। संघदृष्टि को विकसित करने का ही कार्य शिक्षा वर्ग में होता है। जीवन की छोटी-छोटी बातों से लेकर विश्व भर के विषयों में व्यक्ति, किस प्रकार समग्र चिंतन के साथ आगे बढ़े इसका प्रशिक्षण संघ के वर्गों में दिया जाता है। वसुधैव कुटुंबकम, सर्वे भवंतु सुखिनः, धर्मो रक्षति रक्षितः, इदं न मम इदं राष्ट्रं जैसे अति व्यापक अर्थों वाले पाठ व्यक्ति के मानस में सहज स्थापित हो जाएं यही लक्ष्य होता है। ये वर्ग व्यक्ति में भाव जागरण या भाव विकास में सहयोगी होते हैं, और संभवतः यही व्यक्तित्व विकास का सर्वाधिक सफल मार्ग भी है। जिला गौ सेवा प्रमुख नरेश गुप्ता ने कहा कि जिस स्थान पर वर्ग लगते हैं, वहां की शाखा और कार्यकर्ताओं को भी इससे लाभ होता है। वर्ग के लिए कई तरह की व्यवस्थाएं करनी होती हैं। समाज से सहयोग से संपर्क कर वर्ग के लिए साधन जुटाने होते हैं। अतः अधिकांश कार्यकर्ताओं में सक्रियता निर्माण होती है। स्थानीय कार्यकर्ता नए-नए लोगों को वर्ग दिखाने के लिए लाते हैं। इससे वे भी संघ से जुड़ते हैं। वर्ग के दौरान पथ-संचलन तथा सार्वजनिक समापन कार्यक्रम से स्थानीय हिंदू समाज में उत्साह का निर्माण होता है। इस प्रकार संघ शिक्षा वर्ग न केवल शिक्षार्थियों, अपितु व्यवस्थापकों और स्थानीय कार्यकर्ताओं के लिए भी वरदान बनकर आता है। इस मौके पर जिला संघचालक राजमणि प्रसाद, खंड कार्यवाह रमेश प्रसाद, कृष्णा पाण्डेय, दिनेश प्रसाद, सत्येंद्र प्रसाद, अनील ठाकुर, व्यापक कुमार, सत्यम कुमार, लोकेश तिवारी, मधुसूदन कुमार, महेंद्र अग्रवाल, पूर्व विधायक प्रकाश राम, पूर्व विधायक मनिका हरिकृष्ण सिंह, प्रवीण सिंह, डा. अनील, भगवानदास गुप्ता, मोहिनीश कुमार, राजेश चंद्रवंशी, रमण महतो, नितीश तिवारी, श्यामकरण साहू, किरण साहू समेत बड़ी संख्या में जिले भर से आए लोग मौजूद थे।
स्वयंसेवकों में भरा राष्ट्रहित के लिए सर्वस्व न्योछावर करने का जज्बा :
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग का समापन हुआ। इस दौरान प्रशिक्षण हासिल किए स्वयंसेवकों ने राष्ट्रसेवा का संकल्प लेते हुए समाजसेवा कार्यों को बताया। शिविर में स्वयंसेवकों को दंड, जूडो-कराटे, लाठी चलाने समेत अन्य शारीरिक व आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया गया। शारीरिक प्रशिक्षण के साथ ही बौद्धिक प्रशिक्षण भी हुआ। इसमें स्वयंसेवकों को देश के मौजूदा हालातों, संघ की ओर से राष्ट्रहित व समाज सेवा में किए जा रहे कार्यों, संघ के उद्देश्यों और इतिहास के बारे में जानकारी दी गई। स्वयंसेवकों को राष्ट्र व समाज हित के लिए सर्वस्व न्योछावर करने एवं भारत माता के स्वाभिमान और गौरव को विश्व में शिखर पर लाकर भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए कार्य करने के लिए प्रेरित किया गया।