कैंडल मार्च निकालकर मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का विभिन्न दलों ने किया विरोध
मोदी सरकार से नहीं चल पा रही है सत्ता, प्रधानमंत्री दें स्तीफा
चंदवा,(झारखंड):मणिपुर में आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने, लगातार हिंसा होने के विरोध में राजनीतिक दलों झामुमो, कांग्रेस, माकपा, भीम आर्मी, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा ने पेंशनर समाज परिसर से इंदिरा गांधी चौंक तक कैंडल मार्च निकाला,इसमें शामिल लोग मणिपुर में आदिवासी महिलाओं पर अत्याचार बंद करो, मोदी शर्म करो, मणिपुर सरकार को बर्खास्त करो, महिलाओं को न्याय दो आदि नारे लगा रहे थे।जेएमएम के केंद्रीय समिति सदस्य दीपू कुमार सिन्हा ने कहा कि मणिपुर की जातीय हिंसा व अमानवीय वारदातों की हम घोर निंदा करते हैं, उन्होंने कहा कि लगभग 80 दिनों से जारी इन घटनाओं पर पीएम मोदी की चुप्पी तो और भी ज्यादा निंदनीय है, आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को संसद में आकर देश की जनता को यह बताना चाहिए कि उन्होंने मणिपुर हिंसा को रोकने हेतु आज तक क्या कार्यवाही की और क्या कारण है कि मणिपुर में हिंसा पर काबू पाने में असफल मुख्यमंत्री को आज तक बर्खास्त क्यों नहीं किया गया।माकपा जिला सचिव सुरेंद्र सिंह ने कहा कि एक असफल मुख्यमंत्री का आज तक मणिपुर में अपने पद पर बने रहना जहां एक और भाजपा की अकर्मण्यता का परिचायक है, वहीं दूसरी ओर इससे जनता में यह संदेश जाता है कि हिंसा को सरकारी संरक्षण प्राप्त है।कामता पंचायत समिति सदस्य सह सीपीएम के वरिष्ठ नेता अयुब खान ने कहा कि मणिपुर की जो परिस्थितियां हैं वह लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा हैIकांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, आदिवासी महिलाओं के साथ घोर अन्याय हो रहा है, करीब अस्सी दिनों के बाद भी हिंसा नहीं थम रही है, हिंसा रोकने, महिलाओं को न्याय नहीं मिल रहा है वहां हिंसा रोकने के बजाय देश के चौंकीदार पुनः केंद्र की सत्ता में काबिज होने के लिए बौखलाहट में विपक्षी दलों की गठबंधन वाली पार्टी इंडिया को आतंकी संगठन के नाम से जोड़कर अशोभनीय ब्यान दे रहे हैं।भीम आर्मी के प्रदेश महासचिव बीरेंद्र कुमार, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा सचिव जीतेंद्र सिंह ने कहा कि मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री की चुप्पी से देश के नागरिकों में प्रधानमंत्री के प्रति असंतोष बढ़ रहा हैIमार्च में शामिल लोगों ने महिलाओं के साथ दरिंदगी करने वालों को फांसी देने, हिंसा पर रोक लगाने, मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगानें की मांग की गई है।कैंडल मार्च में झामुमो के केन्द्रीय समिति सदस्य दीपू कुमार सिन्हा, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद प्रतिनिधि असगर खान, श्रीराम शर्मा, बाबर खान, रिझरूस पाल एक्का, साबीर आलम, दामोदर उपाध्याय, छटन राम,भीम आर्मी के प्रदेश महासचिव सचिव बीरेंद्र कुमार, रवि शंकर जाटव, झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा सचिव जीतेंद्र सिंह,माकपा के जिला सचिव सुरेंद्र सिंह, अंचल सचिव बैजनाथ ठाकुर, पंसस सह वरिष्ठ नेता अयुब खान, पचु गंझु, रसीद मियां, ललन राम, साजीद खान, सुरेश कुमार उरांव,सुमन सोरेंग, अनिल उरांव, धवल कुजूर, तेजू उरांव, सोनु अंसारी, रुपेश उरांव सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल थे।