चंपई सोरेन को मंत्रिमंडल में शामिल कर असंतोष पर नियंत्रण की कोशिश,परिवारवाद से बचने के लिए बसंत हुए बाहर
रांची,(झारखंड):मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज कैबिनेट का विस्तार किया।9.5 वर्षों के बाद 12वें मंत्री को भी शपथ दिलाई गई। पूरी कैबिनेट बन गई है। 12वे मंत्री के रूप में लातेहार के विधायक बैजनाथ राम ने शपथ ली। कैबिनेट की खास बात पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को शामिल किया जाना है। जिस तरह चंपई सोरेन को सत्ता से बेदखल किया गया उससे वह नाराज थे। उनकी नाराजगी और न बढ़े इसी रणनीति के तहत उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। चंपई सोरेन को हटाए जाने से झामुमो का एक खेमा भी नाराज था।इसलिए चंपई सोरेन को मंत्रिमंडल में जगह दी गई। मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए उन्हें मनाना पड़ा।सीधे सरल स्वभाव के चंपई सोरेन मंत्री बनने को भी तैयार हो गए। चंपई सोरेन को हटाए जाने के मुद्दे को भाजपा भी जोर-शोर से उछल रही थी। हेमंत सोरेन ने भाजपा को एक मुद्दा दे दिया था क्योंकि चंपई भी एक बड़े आदिवासी और झारखंड आंदोलनकारी नेता हैं। उनको हटाए जाने से आदिवासियों में भी अच्छा संदेश नहीं गया था। सभी बातों को देखते हुए हेमंत सोरेन ने चंपई सोरेन को मंत्रिमंडल में शामिल किया। हेमंत की यह रणनीति अच्छी रही।इससे असंतोष भी कम हो जाएगा और धीरे-धीरे यह मामला खत्म हो जाएगा।मंत्रिमंडल विस्तार के साथ एक खास बात और रही कि राज्य में पहली बार ऐसा हुआ कि कई मंत्रियों ने एक कार्यकाल में तीसरी बार शपथ ली।इधर, परिवारवाद के आरोपों से घिरे हेमंत सोरेन ने अपने छोटे भाई बसंत सोरेन को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया। इसकी संभावना पहले से ही थी। कांग्रेस ने अपने कोटे के मंत्रियों में भी फेरबदल किया। बादल पत्रलेख की जगह दीपिका पांडे सिंह को जगह दी गई। दीपिका पांडे को गोड्डा से टिकट देकर वापस ले लिया गया था।इसकी भरपाई के लिए उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। मुस्लिम कोटे से आलमगीर आलम की जगह पर जामताड़ा विधायक इरफान अंसारी को जगह दी गई। इरफान अंसारी लंबे समय से मंत्री बनने के लिए हाथ पैर मार रहे थे । अंततः उनकी मनोकामना भी पूरी हो गई। आलमगीर आलम के जेल जाने से उनकी किस्मत खुल गई ।पलामू प्रमंडल से अब दो मंत्री हो गए। गढ़वा विधायक मिथिलेश ठाकुर तो पहले से मंत्री थे ही उन्हें फिर से जगह मिली है। इस बार लातेहार विधायक बैजनाथ राम को भी मौका मिला है। ज्ञात हो कि चंपई सोरेन सरकार में शामिल होते-होते बैजनाथ राम रह गए थे । इस बार उनकी भी किस्मत खुल गई। हसरत पूरी हो गई। पलामू प्रमंडल से दो मंत्री होने के बाद विकास की संभावना और बढ़ जाएगी। दो-तीन महीने बाद ही विधानसभा का चुनाव होना है इसलिए मंत्रियों के सामने बड़ी चुनौती भी है । उम्मीदों पर कैसे खरे उतरते हैं यह देखना होगा।
(पत्रकार सुनील सिंह की वाल से साभार)