दक्षिण भारतीय कृष्ण मंदिर बनेगा बिहारशरीफ के दुर्गा पूजा का आकर्षण केंद्र, 18 लाख की लागत से बन रहा अनूठा पंडाल: शहर में उत्सव की रौनक
बिहारशरीफ में दुर्गा पूजा की तैयारियां जोरों पर हैं, और इस बार उत्सव का प्रमुख आकर्षण वीर बाल संघ पुलपर द्वारा निर्मित दक्षिण भारतीय कृष्ण मंदिर के प्रारूप का भव्य पंडाल होगा। 18 लाख रुपये की लागत से बन रहे इस अनूठे पंडाल ने शहरवासियों में उत्साह बढ़ा दिया है। आइए जानते हैं इस पंडाल के बारे में विस्तार से।
कृष्ण मंदिर का अद्भुत प्रारूप:
वीर बाल संघ पुलपर के अध्यक्ष कंचन कुमार ने बताया कि इस साल हम दक्षिण भारत के प्रसिद्ध कृष्ण मंदिर के प्रारूप को पंडाल में साकार कर रहे हैं। इसमें 40 से अधिक कृत्रिम स्तंभ और दर्जनों छोटे गुंबद होंगे। पंडाल का निर्माण 1200 से अधिक बांस और सैकड़ों मीटर कपड़े से किया जा रहा है। विशेष लाइटिंग इसे और भी भव्य बनाएगी।
कारीगरों की अथक मेहनत:
पिछले डेढ़ महीने से 12 कुशल कारीगर दिन-रात इस भव्य पंडाल को तैयार करने में जुटे हुए हैं। समिति के एक सदस्य ने बताया कि जगह की कमी के बावजूद कारीगर इसे कुशलतापूर्वक संभाल रहे हैं। अगले सप्ताह में और कारीगर भी इस काम में शामिल होंगे, जिससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी।
मूर्तिकला का अनोखा नमूना
मूर्तिकार रमेश आर्ट जो मंगल कुआं में मां दुर्गा की मूर्ति बना रहे हैं, ने बताया कि बांग्ला आर्ट शैली का उपयोग मूर्ति में किया जा रहा है, जिससे इसे एक विशिष्ट सौंदर्य मिलेगा। अब तक 60% मूर्ति निर्माण पूरा हो चुका है। शिवकुमार जो बिजली खंदक शिव मंदिर के पास मूर्ति बना रहे हैं, ने बताया कि मूर्ति पर रंगरोहन का काम चल रहा है।
शहर के अन्य आकर्षण:
– बड़ी पहाड़ी पर 50% पंडाल का निर्माण पूरा हो चुका है।
– भैसासुर चौराहा पर काली मंदिर पंडाल का 50% निर्माण कार्य संपन्न हो चुका है।
– पुल पर बड़ी देवी स्थान के समीप पंडाल का आधा हिस्सा तैयार है।
बढ़ता जन सहभाग:
वीर बाल संघ पुलपर के एक प्रतिनिधि ने बताया कि इस साल शहरवासियों की भागीदारी पहले से कहीं अधिक है। लोग उत्सव की तैयारियों में स्वयं आगे आकर मदद कर रहे हैं, जिससे इस वर्ष का उत्सव और भी खास होने की उम्मीद है।
आगामी दृश्य और प्रशासनिक तैयारियां:
आने वाले दिनों में शहर के कई हिस्सों में और भी आकर्षक पंडाल देखने को मिलेंगे। प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि उत्सव शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो सके।