वाराणसी के “टेंट सिटी” में है सुविधा ही सुविधा,गंगा पार रेत पर बनाए गए 270 टेंट
4500 रुपये से लेकर 20 हजार रुपये से अधिक तक के हैं टेंट
वाराणसी:वाराणसी में गंगा पार रेत पर टेंट सिटी बसाने का पीएम मोदी का सपना साकार होने जा रहा है। इसका खुलासा खुद वाराणसी के कमिश्नर ने किया है। गंगा पार रेत पर सौ एकड़ में 600 टेंट बनाए जाने थे, लेकिन पहला साल होने के कारण इस बार 270 टेंट ही बनाए गए हैंवाराणसी में पर्यटकों के ठहरने के लिए स्थानों की कमी को देखते हुए वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा अस्सी घाट के सामने गंगा उस पार रामनगर की तरफ गंगा की रेत पर विशाल तंबुओ का शहर बनकर तैयार हो गया है। वाराणसी में गंगा की लहरों के बिलकुल करीब बसा टेंट सिटी गुजरात के केवरिया में बने टेंट सिटी के तर्ज पर तैयार किया गया है। इसके साथ ही अब वाराणसी में घूमने के लिए आने वाले विदेशी और घरेलू पर्यटकों को गंगा की रेत पर काफी अच्छी सुविधाएं मिलने जा रही हैं। गंगा पार रेत पर बन कर तैयार इस टेंट सिटी में पर्यटक गेमिंग जोन, रेस्टूरेंट, डायनिंग एरिया, कान्फ्रेंस स्थल, स्पा, योगा, लॉइब्रेरी, आर्ट गैलरी के अतिरिक्त वॉटर स्पोर्टस, कैमल और हार्स राइडिंग का लुफ्त उठा पाएंगे।
वाराणसी के कमिश्नर दीपक अग्रवाल ने बताया कि अब काम अंतिम चरण में है। इस टेंट सिटी में तीन तरह के कॉटेज है। डीलक्स, सुपर डीलक्स और सूट कॉटेज। बताया जा रहा है इसकी कीमत 3 सितारा से लेकर 5 सितारा सरीखे के होटलों की तरह है और ये आम आदमी की जद में भी है। वाराणसी के कमिश्नर बताते है कि 4500 रुपये से लेकर 20 हजार रुपये से अधिक तक के टेंट है। जिनके अंदर सभी तरह की सुविधाएं मौजूद हैं।
उन्होंने बताया कि इस टेंट सिटी में सब कुछ स्ताविक होगा। किसी तरह का कोई भी तामसिक भोजन या शराब यहाँ प्रतिबंधित है। इस टेंट सिटी में बुकिंग बड़े होटलों के माध्यम से या ऑनलाइन भी शुर हो रही है। उन्होंने बताया कि 15 जनवरी से ये पर्यटकों के लिए खोल दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि यहां कम्युनिटी हॉल, योगा पार्क, वाटर स्पोर्ट्स जैसी सुविधाएं भी मौजूद रहेंगी। इसके अलावा बनारस के व्यंजन को भी परोसा जाएगा और बनारस घराने की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी होंगी।
इस टेंट सिटी के अंदर वो सारी सुख सुविधाएं है जो एक पांच सितारा होटल में होती है। पावन गंगा को निहारते टेंट के अंदर से सुखद एहसास और डायनिंग सेप्स के साथ ये टेंट अपने लग्जरी होने का एहसास भी दिलाता है। इसे लेकर स्थानीय लोग भी बेहद खुश है।