जमशेदपुर में देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन उद्योग को मुख्यमंत्री की मंजूरी
प्रशांत जयवर्द्धन,(रांची):मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जमशेदपुर में देश के पहले हाइड्रोजन ईंधन से जुड़े उद्योग की स्थापना हेतु स्वीकृति प्रदान कर दी है। सरकार के पहल से जमशेदपुर देश का पहला और विश्व का दूसरा स्थान बन जायेगा जहां हाइड्रोजन प्लांट स्थापित होगा। इससे अब देश में पेट्रोल, डीज़ल और बैटरी के साथ जल्द ही हाइड्रोजन ईंधन से भी वाहन चलते हुए नजर आएंगे।हाइड्रोजन ईंधन प्लांट में हाइड्रोजन इंटर्नल कमबसन इंजन, फ्यूल एगनॉसटिक इंजन एडवांस कैमेस्ट्री बैटरी एच टू फ्यूल सेल और एच टू फ्यूल डिलीवरी सिस्टम बनाया जायेगा। इसमें इंजन बनाने की नवीनतम तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिसका लाभ पूरे देश को होगा। सरकार ने कार्य को गति देने के लिए सिंगल विंडो क्लीयरेंस और हाई पावर कमिटी की स्वीकृति ले ली है। जल्द ही टाटा मोटर्स एवं कमिंस इंक (अमेरिका) के संयुक्त उपक्रम टीसीपीएल ग्रीन एनर्जी सॉलूशन के साथ एमओयू किया जायेगा । इस प्लांट से निकले इंजनों का इस्तेमाल फ़िलहाल ट्रकों में किया जायेगा। यह प्रोजेक्ट झारखंड औद्योगिक एवं निवेश प्रोत्साहन नीति 2021 के तहत संचालित होने वाला है।
प्रोजेक्ट 4000+ हाइड्रोजन आईसी इंजन/ईंधन एग्नोस्टिक इंजन और 10,000+ बैटरी सिस्टम क्षमता वाला है। जिसपर 354.28 करोड़ रु. निवेश होगा। अनुमान के मुताबिक प्रोजेक्ट के शुरू होने पर 300 से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार भी मिलेगा।
इंडिया डी-कार्बोनाइज 2050
भारत अगले 30 वर्षों के भीतर खुद को डी-कार्बोनाइज करने की योजना पर कार्य कर रहा है। जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और महंगे आयात में कटौती करना इसमें रणनीतिक निर्णय हैं। इसमें एक प्रयास एनर्जी सोर्स के रूप में ग्रीन हाइड्रोजन के विकास और उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करना भी है।
2021 में, प्रधान मंत्री मोदी ने नेशनल हाइड्रोजन एनर्जी मिशन का शुभारंभ करते हुए देश को ग्रीन हाइड्रोजन प्रोडक्शन और एक्सपोर्ट के वैश्विक केंद्र में बदलने के संकल्प को दोहराया था। पिछले वर्ष देश की पहली स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन सेल बस का शुभारंभ की गयी है।
हाइड्रोजन ईंधन के फायदे
हाइड्रोजन ईंधन भविष्य की ऊर्जा है। सस्ता और हल्का होने के कारण यह पेट्रोल और डीजल से बेहतर विकल्प साबित हो सकता है। इसकी दहन क्षमता अन्य ईंधनों के अपेक्षा अधिक है। यह ग्राहकों को सस्ता और वजन में हल्का भी होगा । प्रदूषण को नियंत्रित करने में हाइड्रोजन ईंधन काफी मददगार साबित होने वाला है।