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लातेहार:पुलिस को मिली बड़ी सफलता,शहीदों के शवों में बम प्लांट करने वाले दो नक्सली गिरफ्तार

शहीदों के शवों में बम प्लांट करने वाले दो नक्सली गिरफ्तार

पुलिस अधीक्षक को मिली गुप्त सूचना पर मिली पुलिस को बड़ी सफलता

लातेहार,(झारखंड):पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन के गुप्त सूचना के आधार पर भाकपा माओवादी के दो दुर्दांत नक्सली को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। गिरफ्तार नक्सली भाकपा माओवादी के गुरिल्ला विंग के कमाण्डर नागेन्द्र उरांव उर्फ बहरा उर्फ डॉक्टर उर्फ बुलबुल उर्फ नागेन्द्र उम्र 24 वर्ष पिता सुरज उरांव गडिहारा, पांकी,पलामू व गुरिल्ला विंग के सदस्य गोदम कोरवा उर्फ गोदम उम्र 30 वर्ष पिता स्व. गुजाटी कोरवा बहराखांड, भंडरिया, गढ़वा वर्तमान पुनदान,सामरीपाठ, बलरामपुर, छत्तीसगढ़ का रहने वाला है। इसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक अंजनी अंजन ने मंगलवार को प्रेस वार्ता कर दी। उन्होंने बताया कि गिरफ्तार नागेंद्र उरांव उर्फ डॉक्टर आईडी एक्सपर्ट है। पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगल में आईडी प्लांट करने में माहिर था। वह माओवादियों के बीमार होने पर छोटे-मोटे इलाज भी करता था। नागेंद्र माओवादी के गुरिल्ला विंग का कमांडर है। वही दूसरा गिरफ्तार नक्सली गौदम कोरवा गुरिल्ला विंग का सदस्य है। दोनों भाकपा माओवादी के दुर्दांत नक्सली है। इसकी गिरफ्तारी से भाकपा माओवादी को काफी नुकसान पहुंचा है। एसपी अंजनी अंजन ने आगे बताया कि गारू थाना क्षेत्र के मिर्चिया,भंवरबंधा जंगल में भाकपा माओवादी के शीर्ष कमांडर मारकुश उर्फ सौरव बाबा, छोटू खेरवार उर्फ सुजीत, रविन्द्र गंझू, मृत्युजय भुइयां, नागेन्द्र उरांव उर्फ डॉक्टर, गोदन कोरवा, सुखलाल बुजिया उर्फ एकेला बुजिया अपने 20-25 की संख्या में किसी बड़ी घटना को अंजाम देने के लिए एकत्रित हुए थे। इसके बाद एक टीम गठित कर भंवरबंधा जंगल में छापेमारी अभियान चलाई गई। जिसमें दो नक्सली जंगल में संदिग्ध अवस्था में देखे गए। पुलिस को देखते ही दोनों नक्सली भागने लगे। पुलिस ने दोनों नक्सली को दौड़ाकर पकड़ने में सफलता पाई।

9 साल की उम्र से ही बन गया था नक्सली :

गिरफ्तार नक्सली नागेंद्र उरांव 9 वर्ष की उम्र में ही भाकपा माओवादी में शामिल हो गया था। वह भाकपा माओवादी से 14 वर्षों से जुड़ा हुआ है। वह गुरिल्ला विंग का कमाण्डर था। इस दौरान उन्होंने अनेकों हमला में शामिल रहा है। पुलिसकर्मियों के अमानवीय तरीके से हत्या की है। भाकपा माओवादी के कई बड़ी घटना में शामिल रहा है। नागेंद्र उरांव जनवरी 2013 में कटिया जंगल में हुई मुठभेड़ में शामिल रहा है। इस मुठभेड़ में 12 जवान व चार आम नागरिक मारे गये थे। मुठभेड़ के बाद जवान के पेट फाड़कर आईडी बम लगाया था। जून 2018 में झारखण्ड जगुवार की टीम खपरी महुआ में अभियान में निकली थी। जहां नागेन्द्र उरांव की टीम ने आईडी ब्लास्ट किया था। जिसमें झारखण्ड जगुवार के छह जवान शहीद हुए थे। वर्ष 2019 में चंदवा थाना क्षेत्र के लुकईया मोड़ में पुलिस की पीसीआर वाहन को टारगेट कर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। जिसमें एक सहायक अवर निरीक्षक व तीन गृह रक्षक जवान शहीद हुए थे। इस घटना में नक्सलियों का नेतृत्व करते हुए नागेन्द्र उरांव ओपनर फायर के रूप में शामिल था।

छापेमारी अभियान में ये थे शामिल :

छापेमारी अभियान में गारू थाना प्रभारी राजीव कुमार भगत, बारेसाढ़ थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव, गारू थाना के पुलिस अवर निरीक्षक मोहम्मद शाहिद अंसारी, सरज कुमार, गारू थाना के सैट-06 के सअनि तारापद महतो, गारू थाना सैट-06, बारेसाढ़ थाना के सैट-02 के पदाधिकारी, हवलदार व जवान शामिल थे।

माओवादियों के लिए डाक्टर के रूप में काम करता था गिरफ्तार नक्सली

साल 2013 में कटिया जंगल में माओवादियों के आईईडी ब्लास्ट की घटना में नक्सलियों ने शहीद जवानों के शरीर में आईईडी लगा दिया था

पोस्टमार्टम के लिए शहीद जवानों का शव पहुंचने पर हुआ था खुलासा, यहां की यह खबर अंतराष्ट्रीय स्तर पर बनी थी चर्चा का विषय

लातेहार : पुलिस की ओर से गिरफ्तार भाकपा माओवादी विंग कमांडर नागेंद्र उरांव उर्फ बहरा उर्फ चुलबुल उर्फ डाक्टर व दस्ता सदस्य गोदन कोरवा माओवादियों के लिए डाक्टर के रूप में काम करना था। गिरफ्तार माओवादी विंग कमांडर नागेंद्र ने ही 2013 में कटिया के जंगल में आईईडी विस्फोट के बाद शहीद हुए जवानों के शरीर में बम प्लांट किया था। लातेहार जिले की यह खबर देश स्तर से लेकर विदेशों तक में चर्चा का विषय बनी हुई थी। गिरफ्तार नक्सली गत 14 वर्षों से माओवादियों का सक्रिय सदस्य है। इसके द्वारा कई पुलिस कर्मियों की अमानवीय तरीके से हत्या की गई है। नागेंद्र उरांव ने भाकपा माओवादी में शामिल होकर कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया है। साल 2013 में कटिया जंगल में माओवादियों के आईईडी ब्लास्ट की घटना में भी यह शामिल था। इस घटना में 12 पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे, जबकि चार ग्रामीण मारे गए थे। घटना के बाद नक्सलियों ने शहीद जवानों के शरीर में आईईडी लगा दिया था। शहीद जवानों के शरीर में बम प्लांट करने में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इसके अलावा 2018 में यह खपरी महुआ जंगल में हुए माओवादी हमले में भी मुख्य रूप से शामिल था। इस हमले में छह पुलिस कर्मियों की शहादत हुई थी। वर्ष 2019 में चंदवा थाना क्षेत्र के लुकुइया मोड़ में पुलिस पेट्रोलिंग पार्टी पर हुए हमले में भी यह मुख्य रूप से शामिल था। इस घटना में चार पुलिसकर्मियों की शहादत हो गई थी। इस हमले में नक्सलियों का नेतृत्व करते हुए नागेंद्र ओपन फायर के रूप में शामिल था। एसपी ने बताया कि नागेंद्र उरांव माओवादियों के लिए डाक्टर के तौर पर भी काम करता था। इसकी गिरफ्तारी से नक्सलियों को बड़ी क्षति हुई है। एसपी ने बताया कि गिरफ्तार नक्सलियों से पूछताछ में कई अहम जानकारियां भी मिली हैं, जिसके आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।

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